सनातनियों को सोचना होगा कि तुम्हें सांता चाहिए या संत: कथा व्यास श्रीश्री सुधा दीदी

कमल शर्मा

हरिद्वार 24 दिसंबर 2024, श्री श्री सुधा दीदी ने अपने श्री मुख से उदगार व्यक्त करते हुए बताया कि आज हिंदु अपनी संस्कृति को भूलकर अन्य समुदाय की संस्कृति को अपनाने में लगे हैl हिंदुओ का समय के अनुसार मन परिवर्तन होते जा रहा है पाश्चात्य की तरफ रुझान बढ़ता जा रहा है क्रिसमस डे पर ठाकुर जी को भी लाल कपड़े पहनाकर सांता बना देते हैं जबकि अन्य समुदाय कभी आपके भगवान पर जल नहीं चढ़ाते और अपने घर पर किसी हिंदू त्योहार को रीति रिवाज को नहीं करते बल्कि हिंदू अन्य समुदाय के त्योहारों को खुशी-खुशी मनाने लग रहे हैं अगर वैज्ञानिक की दृष्टि से क्रिसमस ट्री से हमें ऑक्सीजन मिलती हो या अन्य कोई लाभ मिलता हो तब तो क्रिसमस ट्री लगाना लाभकारी है l वरना हम उस प्लास्टिक के पेड़ की पूजा क्यों करें और इस प्रथा को तुरंत बंद कर देना चाहिए lइसके स्थान पर क्रिसमस ट्री वाले दिन तुलसी का पौधा लगाए उसकी पूजा करें उनकी आरती उतारे जो सदा हमें ठाकुर जी से मिलाती है तथा हमारे अध्यात्म को पूर्ण की ओर ले जाती है lप्लास्टिक के पेड़ की पूजा नहीं करनी है जब हमारी संस्कृति इतनी जीवंत है तो हम उधार की संस्कृति के लिए भाग रहे हैं कितने शर्म की बात है यह हम सनातनियों के लिएl मैं आप सबसे अनुरोध करती हूं और पूछती हूं कि सनातनियों को सांता चाहिए या संत, इस बात को ध्यान में रखते हुए हमें अन्य समुदाय की संस्कृतियों का अनुसरण नहीं करना है और हमारी संस्कृति हमारी धरोहर अनमोल है हमें उसको ही आगे बढ़ाना है अपने बच्चों को उसके प्रति आकर्षित करना है जिससे कि वह हमारी संस्कृति को हमारे त्यौहारों को रीति रिवाज को जीवंत रख सके और उन्हें आगे बढ़ा सकें l

हमारी संस्कृति अनमोल है l वह हमारी नई पीढ़ी के लिए धरोहर है l जिसको सहेजना हैl आगे बढ़ाना है : श्री श्री सुधादीदी

संपर्क सूत्र=9997512410

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *