हरिद्वार, 24 नवम्बर कनखल स्थित श्री काल भैरव मंदिर आश्रम आशारोड़ी के परमाध्यक्ष महंत कौशलपुरी महाराज ने कहा कि संत महापुरूष सनातन धर्म के प्रमुख स्तंभ हैं। भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करना और धर्म की रक्षा करना संत समाज का दायित्व है। श्री काल भैरव अष्टमी पर आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के समापन पर आयोजित संत सम्मेलन के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए महंत कौशलपुरी महाराज ने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए आदि गुरू शंकराचार्य ने अखाड़ों की स्थापना की थी। स्थापना के बाद से ही सभी अखाड़े देश दुनिया में सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में अपना योगदान कर रहे हैं। संत सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि जन-जन के आराध्य भगवान काल भैरव भक्तों की रक्षा करते हैं। जो भक्त भगवान काल भैरव की शरण में आ जाते हैं। उनका जीवन स्वतः ही उन्नति की और अग्रसर हो जाता है। उन्होंने कहा कि महंत कौशलपुरी महाराज के नेतृत्व में श्री काल भैरव मंदिर आश्रम आशारोड़ी की सेवा संस्कृति का निरंतर विस्तार हो रहा है। श्री पंचायती अखाड़ बड़ा उदासीन के कोठारी महंत राघवेंद्र दास एवं श्री निर्मल पंचायती अखाडा के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि निर्मल जल के समान जीवन व्यतीत करने वाले संत महापुरूष सदैव भक्तों और समाज के कल्याण के लिए प्रयत्नशील रहते हैं। महंत कौशलपुरी महाराज के सानिध्य में श्री काल भैरव मंदिर द्वारा संचालित विभिन्न सेवा प्रकल्पों का लाभ समाज के जरूरतमंद वर्ग को मिल रहा है। महंत दुर्गादास, महंत प्रह्लाद दास, महंत जयराम दास, महंत निर्भय सिंह, महंत कैलाश मुनि, महंत रघुवीर दास, महंत गंगादास, स्वामी वजनानंद ने भी श्रद्धालु भक्तों को संबोधित किया। पवन बिहारी, रामसागर व संजय चौहान ने सभी संत महापुरूषों का स्वागत किया। इस अवसर पर पवन बिहारी, अमित गौतम, हरीश शेरी, रामसागर, संजय चौहान, नितिन माणा, सुनील गुड्डू, दीपक मणि, अमित वालिया, कुलदीप चौधरी ठाकुर मनोजानंद परवीन कश्यप कोतवाल निर्वाण कमल मुनि महाराज सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।