सतत् विकास की संकल्पना का पर्यायवाची है उत्तराखण्ड राज्य. प्रो. बत्रा

कमल शर्मा हरिद्वार

राज्य स्थापना दिवस पर महाविद्यालय में किया गया ‘उत्तराखण्ड विकास पथ पर’ शीर्षक परिचर्चा का आयोजन
​हरिद्वार 09 नवम्बर, 2024 एस.एम.जे.एन. पी.जी. कॉलेज में आज आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के 25वें राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर ‘उत्तराखण्ड विकास पथ पर’ शीर्षक परिचर्चा का आयोजन महाविद्यालय में नवनिर्मित स्मार्ट क्लास कक्ष में किया गया।


​इस अवसर पर कॉलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज का संदेश प्राचार्य डा सुनील कुमार बत्रा ने सुनाया। श्रीमहन्त ने राज्य स्थापना दिवस की बधाई देते हुए अपने बधाई संदेश में कहा कि सर्वप्रथम मैं राज्य आन्दोलनकारियों को प्रणाम करता हूं जिनके बलिदान और साहस के बिना उत्तराखण्ड राज्य के सपने को साकार करना सम्भव नहीं था।
​कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने अपने सम्बोधन में कहा कि इन 24 वर्षों के सफर में कई मुकाम हासिल किये, अनेक सफलतायें प्राप्त की तथा अनेक नई राह तलाश करने का दौर जारी है। उन्होंने कहा कि राज्य में आधारभूत संरचना का विकास दु्रत गति से चल रहा है और इससे उत्तराखण्ड के सामाजिक आर्थिक उन्नयन में सहायता मिलेगी। प्रो. बत्रा ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य को अपनी समस्याओं का स्थाई समाधान खोजने की प्रवृति विकसित करनी होगी। उन्होंने इस अवसर पर पलायन की समस्या की ओर ध्यान इंगित कराया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य सतत विकास की संकल्पना की आधारशिला पर विकास की ऊचाईयों को प्राप्त करेगा।


​ डा संजय कुमार माहेश्वरी, अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तराखण्ड राज्य प्रगति के पथ पर अग्रसर है और नैसर्गिक सौन्दर्य से भरपूर यह प्रदेश ऐसे ही विकास की नित नई ऊंचाईयों को छूता रहे। उन्होंने युवाओं से प्रदेश के विकास में सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि सभी प्रदेश के समग्र विकास और समृद्धि हेतु अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देव भूमि है और वीर भूमि भी।
​कार्यक्रम संयोजक एवं राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष विनय थपलियाल ने 25वें राज्य स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों के बलिदान का परिणाम है और हमें अपने आचार, व्यवहार एवं कार्यकलाप से उत्तराखण्ड राज्य को विकास की दिशा में अग्रसर करने और शहीदों के सपनों के उत्तराखण्ड की संकल्पना को साकार करना चाहिएं
​कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए रसायन विज्ञान की शिक्षिका डा पूर्णिमा सुन्दरियाल ने उत्तराखण्ड राज्य में पर्यटन के अवसरों को बढ़ावा देने का आह्वान किया।
​कार्यक्रम में प्रो. जगदीश चन्द्र आर्य, डा नलिनी जैन, डा शिवकुमार चैहान, डा आशा शर्मा, डा मोना शर्मा, डॉ रेनू सिंह, वैभव बत्रा, डा लता शर्मा, श्रीमती रिचा मिनोचा, श्रीमती रिंकल गोयल, डा सुगन्धा वर्मा, डा मिनाक्षी शर्मा, डा विजय शर्मा, दिव्यांश शर्मा, अंकित बंसल, डा अमिता मल्होत्रा, डा सरोज शर्मा, डा पुनीता शर्मा, डा पदमावती तनेजा, विनित सक्सेना, मोहन चन्द्र पाण्डेय, सहित कॉलेज के शिक्षक, कर्मचारी व अनेक छात्र-छात्रा उपस्थित थे।

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