नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का विशेष महत्व है: कथा व्यास श्री श्री सुधा दीदी

कमल शर्मा

हरिद्वार शारदीय नवरात्रि का पहला दिन गुरुवार, 3 अगस्त 2024 आज कथा व्यास श्री श्री सुधा दीदी ने भक्तजनों के बीच अपने श्री मुख से मां की महिमा का उद्गार व्यक्त करते हुए इस दिन के महत्व को भक्त जनों के बीच बताया और कहा कि आज के दिन मां शैलपुत्री की पूजा होगी. नवदुर्गा के 9 रूपों में मां शैलपुत्री पहली देवी है.नवरात्रि का पहला दिन माता शैलपुत्री को समर्पित होता है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का भी विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यता है कि नवरात्रि पर कलश स्थापना करने से माता दुर्गा की विशेष कृपा मिलती है। साथ ही नवरात्रि में जौ बोने का भी बहुत महत्व है।मां दुर्गा को सर्वप्रथम शैलपुत्री के रूप में पूजा जाता है। हिमालय के वहां पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण उनका नामकरण हुआ शैलपुत्री। इनका वाहन वृषभ है, इसलिए यह देवी वृषारूढ़ा के नाम से भी जानी जाती हैं। इस देवी ने दाएं हाथ में त्रिशूल धारण कर रखा है और बाएं हाथ में कमल सुशोभित है।मां शैलपुत्री बीज मंत्र- 👇

मां शैलपुत्री बीज मंत्र- या देवी सर्वभूतेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

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