शारदीय नवरात्र शक्ति की आराधना के लिए समर्पित: कथा व्यास श्री श्री सुधा दीदी

कल 3 अक्टूबर 2024 से शुरू होने वाले शारदीय नवरात्रों के बारे में श्री श्री सुधा दीदी ने अपने श्री मुख से भक्तों जनों के बीच उद्गार व्यक्त करते हुए नवरात्रों की महत्ता को बताया
देवी दुर्गा ने आश्विन के महीने में महिषासुर पर आक्रमण कर उससे नौ दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन उसका वध किया। इसलिए इन नौ दिनों को शक्ति की आराधना के लिए समर्पित कर दिया गया, चूंकि आश्विन मास में शरद ऋतु का प्रारंभ हो जाता है, इसलिए इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है।

यह देवी के लिए एक विशेष समय है, जो ईश्वर की स्त्री प्रकृति का प्रतिनिधित्व करती है। दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती को स्त्री के तीन आयामों के रूप में देखा जाता है। जो लोग ताकत या शक्ति की आकांक्षा रखते हैं, वे धरती माता, दुर्गा या काली जैसे नारी के रूपों की पूजा करते हैं।

आगे और विस्तार से दीदी ने बताया कि नवरात्रि के दौरान किए जाने वाले कार्यों के पीछे वैज्ञानिक कारण उपवास भी है l जिसको करने से शरीर को आराम मिलता है और पाचन तंत्र को ठीक होने का मौका मिलता है। साफ-सफाई : नवरात्रि के दौरान घर, मंदिर और आसपास की जगहों को साफ-सुथरा रखना चाहिए। इससे वातावरण शुद्ध रहता है और बीमारियों से बचाव होता है। दीदी श्री ने अपने भक्तों को नवरात्रों की अग्रिम बधाइयां देते हुए कथा को विराम दिया l

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