भक्त की भावना से प्रसन्न होकर संसार के समस्त सुखों से भक्त के भंडार भर देते हैं भगवान भोलेनाथ-स्वामी कैलाशानंद गिरी
संत समाज की उपस्थिति में संपन्न हुई स्वामी कैलाशानंद गिरी की शिव साधना
हरिद्वार, 20 अगस्त। सावन में लगातार एक महीने तक दक्षिण काली मंदिर प्रांगण में चली निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की विशेष शिव साधना श्रावण पूर्णिमा की देर शाम संपन्न हो गयी। साधना की पूर्णाहूति पर शिवार्चन, महादेव की पालकी यात्रा, गंगा पूजन, अभिषेक, आरती और श्री दक्षिण काली घाट पर महादेव शिव का जलाभिषेक के पश्चात मां श्री दक्षिण काली का पूजन और क्षमा प्रार्थना का आयोजन किया गया। साधना की पूर्णाहूति के अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज, यूपी के पूर्व मंत्री संगीत सोम सहित सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूष और श्रद्धालुजन उपस्थित रहे। इस अवसर पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी प्रतिवर्ष सावन में पूरे एक माह भगवान शिव की कठोर साधना करते हैं। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की कठोर शिव साधना विश्व कल्याण में सहायक होगी। श्रद्धालुजनों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव की महिमा अपरंपार है। महादेव शिव और मां श्री दक्षिण काली के आशीर्वाद से समस्त विश्व का कल्याण होगा। स्वयं को शिव को समर्पित करने वाले भक्त का जीवन भवसागर से पार हो जाता है। भक्त की भावना से प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ संसार के समस्त सुखों से भक्त के भंडार भर देते हैं। सभी को सावन में पूर्ण विधि विधान से भगवान शिव की आराधना अवश्य करनी चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज द्वारा की जाने वाली कठिन शिव साधना सनातन धर्म संस्कृति का अद्भूत स्वरूप प्रस्तुत करती है। सभी को स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज से प्रेरणा लेनी चाहिए। महंत गोविंददास, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, महंत दुर्गादास, स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज मां दक्षिण काली और भगवान शिव के परम् भक्त और विद्वान संत हैं। उनके द्वारा की जाने वाली शिव साधना के फलस्वरूप लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के शिष्य स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी महाराज ने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, स्वामी दिनेश दास, स्वामी कमलेशानंद, स्वामी रघुवीरानंद, आचार्य पवनदत्त मिश्र, चेतन शर्मा, पंडित प्रमोद कुमार, स्वामी बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी सहित यूपी, केरल और महाराष्ट्र से आए राजनेता और मंत्री शामिल रहे।