कलयुग में जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान हनुमान की आराधना करेगा उसे मनोवांछित फलों की प्राप्ति होगी

हरिद्वार ब्रह्मकुंड के सामने हर की पौड़ी के समीप बने प्राचीन सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर मे हनुमान जयंती बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ संत महापुरुषों की गरिमा मय उपस्थित के बीच मनाई गई इस अवसर पर बोलते हुए मंदिर के महंत राजकुमार दास जी महाराज ने कहा कलयुग में जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान हनुमान की आराधना करेगा उसे मनोवांछित फलों की प्राप्ति होगी भगवान राम के वरदान अनुसार भगवान हनुमान कलयुग में इस धरती पर साक्षात भक्तों के कष्ट हरने हेतु विद्यमान है जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान बजरंगबली के आराध्य भगवान श्री राम तथा भगवान स्वयं श्री बजरंगबली की आराधना करेगा वह कलयुग के प्रभाव से मुक्त रहेगा भगवान बजरंगबली उसके सभी संकट हर लेंगे भगवान राम माता जानकी कि ऐसे भक्तों पर विशेष कृपा होगी इस अवसर पर बोलते हुए स्वामी कल्याण देव महाराज ने कहा वीर बजरंगबली संकट मोचन कृपा निधान है वे कलयुग में भक्तजनों के कष्ट हरने हेतु साक्षात विद्यमान है इस अवसर पर बोलते हुए स्वामी कृष्ण देव जी महाराज ने कहा भगवान बजरंगबली रुद्र अवतार है भगवान शिव का ही रूद्र रूप है जो भी इसकलयुग में उनकी सच्चे मन से आराधना करेगा उसके जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाएंगे उसके घर में धन-धान्य की वर्षा होगी यस कीर्ति वैभव की उसे प्राप्ति होगी

इस अवसर पर बोलते हुए श्री राजेश्वर दुबे ने बताया कि यह सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर सदियों से यहां स्थापित है तथा इसकी बहुत प्राचीन मान्यताएं हैं जो भी भक्त यहां सच्चे मन से आता है उनकी सभी मन्नता की पूर्ति होती है साथ ही उन्होंने बताया कि यह मंदिर पर्वतमाला में पर्वत की तलहटी में बना हुआ है 1 कई टन की शिला मंदिर के ऊपर गीलेरीग पर आकर हनुमान जी की कृपा से रुक गई है जो आज भी वही रुकी हुई है इससे पूर्व में भी ऐसी कई चौंकाने वाली सिलाये पहाड़ से टूटकर मंदिर तथा मंदिर परिसर को बिना क्षति पहुंचा सीधे सड़क मार्ग की ओर निकलकर आगे गिरी यह सब हनुमान वीर बजरंगबली की कृपा है की इतनी विशालकाय शीला उनके मंदिर को बिना छाती पहुंचाये एक मामूली सी गैलरीगं पर आकर रुक गई इस अवसर पर महंत बिहारी शरण महाराज महंत अंकित शरण महाराज महामंडलेश्वर दुर्गादास महाराज महंत सूरज दास महाराज महंत कमलेशानंद सरस्वती महाराज महंत कैलाशानंद महाराज स्वामी कल्याण देव महाराज स्वामी कृष्ण देव महाराज श्री राजेश्वर दुबे अभिषेक दुबे घनश्याम दुबे आचार्य अरुण शुक्ला रमेश दास महाराज आचार्य शैलेंद्र शास्त्री आचार्य नितेश गौड आचार्य प्रवीण पांडे आदि अनेकों संत महापुरुषों ने अपने विचार व्यक्त किया भक्तों ने संत महापुरुषों के श्री मुख से बहने वाली ज्ञान की गंगा में गोते लगाकर अपने जीवन को धन्य तथा कृतार्थ किया तथा इस अवसर पर आयोजित विशाल भंडारे में भोजन प्रसाद ग्रहण किया

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