कमल शर्मा (हरिहर समाचार)
हरिद्वार 11 अक्टूबर 2025 स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद जी की पुण्यतिथि पर मातृ सदन में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया माँ गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए अपना सर्वस्व देने वाले महान तपस्वी संत ब्रह्मलीन स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद जी (प्रो. जी. डी. अग्रवाल जी) की आठवीं पुण्यतिथि मातृ सदन, हरिद्वार में श्रद्धापूर्वक मनाई गई।
कार्यक्रम का आरंभ पूज्य स्वामी सानंद जी को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देने से हुआ। तत्पश्चात पूज्य श्री गुरुदेव स्वामी श्री शिवानंद जी महाराज ने स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद जी के योगदान, पर्यावरण के प्रति उनके समर्पण और गंगा के प्रति उनकी अटूट आस्था को स्मरण करते हुए सभा को संबोधित किया।इस अवसर पर बोलते हुए आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानन्द जी महाराज ने कहा कि गंगा नदी के अव्रिल प्रवाह के लिए स्वामी ज्ञान स्वरुप सानंद जी ने अपने प्राण समर्पित कर दिए। इस अवसर पर बोलते हुए स्वामी करनगिरी महाराज ने कहा कि स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद जी व उनकी सुदूरदर्शी मांग पूरी न होने का असर आज हिमालय में बसे हर प्रदेश में दिख रहा है। उत्तराखंड, हिमाचल और अब सिक्किम, हर जगह त्राहि त्राहि है
इस अवसर पर एक विशेष पहल भी हुई — आई.आई.टी. रूड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के 32 छात्रों ने अपने कम्युनिटी आउटरीच कार्यक्रम के अंतर्गत मातृ सदन में भागीदारी की। स्वामी सानंद जी स्वयं इसी संस्थान के पूर्व छात्र (Alumnus) रहे हैं। विद्यार्थियों ने श्रद्धांजलि समारोह में सम्मिलित होकर स्वामी सानंद जी के जीवन, गंगा के प्रति उनके समर्पण, तथा मातृ सदन के कार्यों को निकट से जाना। छात्रों ने अपने सामुदायिक कार्यक्रम के तहत मातृ सदन के समीप गंगा घाट की सफाई भी की और अपने अनुभव साझा किए और पर्यावरण संरक्षण, नदियों की दुर्दशा तथा समाज में सकारात्मक परिवर्तन के विषय में अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि वे इस दिन के अनुभवों को अपने भविष्य के कार्यों में आत्मसात करेंगे।
कार्यक्रम में कर्नाटक से पधारी संत भैरवी माँ ने भी भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किए। अन्य उपस्थित गणमान्य अतिथियों में डॉ विजय वर्मा जी, वर्षा वर्मा जी, अधिवक्ता अरुण भदौरिया, अभिषेक दुबे जी, सुरेन्द्र जी, विनय जी कमल शर्मा तथा मीडिया प्रतिनिधि शामिल रहे।
कार्यक्रम के अंत में मातृ सदन ने इस अवसर पर सभी उपस्थित जनों का आभार व्यक्त करते हुए यह संकल्प दोहराया कि स्वामी सानंद जी द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए सतत प्रयास जारी रहेंगे।
इस अवसर पर श्री शिवानंद जी महाराज, श्री करनगिरि जी महाराज श्री आद्याशक्ति maha tara peetham श्री महंत परमानंद सरस्वती सेवा आश्रम भूपतवाला, महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा श्री श्री 1008 स्वामी हेमानंद सरस्वती जी महाराज एवं समस्त भक्तगण उपस्थित रहे l सभी ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया l
