हरिद्वार श्यामपुर स्थित श्री श्याम वैकुंठ धाम के परमाध्यक्ष श्री महंत 1008 परम पूज्य श्री श्याम सुंदर दास जी महाराज ने भक्तजनों के बीच अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए कहा मनुष्य विकृत दिशा की ओर बढ़ने के लिए सदैव तत्पर रहता है धर्म कर्म के कार्यों में कथा पाठ पूजा जैसे पावन कार्यों में सदैव पीछे रहता है किंतु दिखावा करने में पाश्चात संस्कृति को अपनाने में तथा अनैतिक कार्यों में सदैव तत्परता दिखाता है किंतु हरि भजन में सदैव आलसय दिखता है उन्होंने कहा हरि भजन को आलसी भोजन को होशियार रे मानव ऐसे जीवन को बार-बार धिक्कार जिसमें हरि भजन को लेकर आलस भरा हुआ हो और पाश्चात्य संस्कृति को लेकर वह जागरूक हो ऐसे नाशवान जीवन को बार-बार धिक्कार है अगर इस मानव जीवन को साकार करना है तो जहां भी हरि भजन हो रहा हो उसे कुछ पल रुक कर सुने वह कुछ पल का सत्संग आपके मानव जीवन को साकार कर देगा और आप राम नाम की नैया में सवार होकर आपका जीवन भवसागर पार हो जाएगा गुरु ही भक्तों को सत्य की राह दिखा सकते हैं गुरुजनों का सानिध्य और संगत भक्तों को कल्याण की ओर ले जाता है
हरि भजन को आलसी भोजन को होशियार रे मानव ऐसे जीवन को बार-बार धिक्कार श्री महंत श्यामसुंदर दास जी महाराज
