सावन मास की शिवरात्रि पर शुभ मुहूर्त में जल चढ़ाने का विशेष महत्व है: श्री संजीवन नाथ जी महाराज

गुरु श्री गोरखनाथ अलख अखाड़े(रजि0) के परमाध्यक्ष श्री संजीवन नाथ जी महाराज ने कहा कि सावन मास की शिवरात्रि पर शुभ मुहूर्त में जल चढ़ाने का विशेष महत्व है इस विषय में बताते हुए उन्होंने कहा कि इस वर्ष 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) मनाई जाएगी, इस दिन शिव भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे। इस दिन जल चढ़ाने का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 15 मिनट से 4 बजकर 56 मिनट तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से 3 बजकर 39 मिनट तक होगा। सन्ध्या मुहूर्त शाम 7 बजकर 17 मिनट से 8 बजकर 20 मिनट तक होगा।

.प्रथम पहर की पूजा- शाम 7.27 बजे से लेकर रात 10.7 बजे तक।

दूसरे पहर का पूजा- रात 10.06 बजे से रात 12.46 बजे।

तीसरे पहर का पूजा- रात 12.46 बजे से सुबह 3.28 बजे।

चौथे पहर का पूजा- 24 जुलाई को सुबह 3.27 बजे से सुबह 6.07 बजे तक।

सावन शिवरात्रि व्रत पारण का समय
वैदिक पंचांग के मुताबिक सावन शिवरात्रि व्रत का पारण 24 जुलाई 2025 सुबह 05 बजकर 27 मिनट से शुरू होगा।

भगवान शिव की पूजा के मंत्र…..

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

ॐ नमः शिवाय॥

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥”

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