कांवड़ मेले में ‘लाइनर बैग + ड्रोन’ मॉडल से स्वच्छता की नई मिसाल गढ़ता नगर निगम

कमल शर्मा (हरिहर समाचार)

कांवड़ मेले के पीक समय पर जब श्रद्धालुओं का सैलाब तीव्र गति से बढ़ा और पारंपरिक कूड़ा-संग्रह वाहनों की आवाजाही भीड़ के कारण बाधित होने की कगार पर पहुँची, तब हरिद्वार नगर निगम ने त्वरित अनुकूलन (Adaptive Response) का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। निगम ने “लाइनर (कम्पोस्टेबल) गार्बेज बैग + ड्रोन निगरानी” के सम्मिलित मॉडल को तत्काल लागू कर स्वच्छता प्रबंधन को सतत बनाए रखने की दिशा में निर्णायक कदम उठाया।

अनुमानित आँकड़ों के अनुसार अब तक ढाई करोड़ से अधिक श्रद्धालु कांवड़ मेले में सहभागिता कर चुके हैं। करोड़ों श्रद्धालुओं की आवाजाही की तुलना में सीमित संसाधनों के बावजूद, नगर निगम ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management) के हर संभावित आयाम को सक्रिय रखकर यह सुनिश्चित किया है कि तीव्र गतिशील परिस्थितियों में भी स्वच्छता व्यवस्था बाधित न हो। जैसे-जैसे समय के साथ भीड़ का घनत्व और आवागमन का दबाव परिवर्तित हुआ, उसी अनुपात में नगर निगम ने अपनी क्षेत्रीय संचालन रणनीति को लचीले तरीके से अद्यतन किया।

रात्रिकालीन संग्रहण मॉडल

दिवसभर भीड़ के बीच कूड़ा-उठान वाहनों की गति कम होने लगी तो निगम ने रात्रि 12:00 बजे से प्रातः 4:00 बजे के मध्य “कूड़ा संकलन विंडो” विकसित की। इस दौरान दिनभर में सफाईकर्मियों द्वारा कम्पोस्टेबल लाइनर गार्बेज बैगों में भरा गया मिश्रित अपशिष्ट तीव्र गति से उठाया जा रहा है।

ड्रोन आधारित सतत निगरानी

मैदान पर बार-बार भौतिक निरीक्षण संभव न हो पाने पर नगर निगम ने ड्रोन को निगरानी का माध्यम बनाते हुए उच्च-दबाव वाले स्थलों की पहचान की। जहां भी कूड़े की अधिकता पाई गई, वहां तत्काल सफाईकर्मियों को भेजकर लाइनर बैगों में अपशिष्ट भरवाकर त्वरित निस्तारण कराया गया।

मानसूनी पूर्व-सतर्कता

संभावित वर्षा को ध्यान में रखते हुए पंतद्वीप और लालजीवाला क्षेत्रों में सीवर सक्शन वाहन तैनात किए गए हैं जिन पर दो पालियों में ड्यूटी लगाई गई है।

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