कमल शर्मा (हरिहर सामाचार}
हरिद्वार 13जून 2025 भूपत वाला भारत माता पुरम रानी गली स्थित श्री धनेश्वर कुटी में साकेत वासी महंत श्री राम सेवक दास जी महाराज की 17 वीं पावन पुण्यतिथि बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ संत महापुरुषों की गरिमा मय उपस्थित के बीच मनायी गई इस अवसर पर अपने श्रीमुख से ज्ञान की वर्षा करते हुए श्री महंत विष्णु दास महाराज ने कहा जिसकी लागी राम संग प्रीत उसकी सारी दुनिया मीत जिसके मन मंदिर में भगवान राम की छवी बसी हो उसके मन में विकारों का कोई स्थान नहीं होता भगवान राम तक पहुंचे का मार्ग सतगुरु देव दिखाते है इस अवसर पर बोलते हुए श्री महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा जिस प्रकार सूर्य को प्रकाश दिखाने की आवश्यकता नहीं होती इसी प्रकार संत महापुरुषों के बीच बैठकर किसी प्रकार का तर्क वितर्क नहीं करना चाहिए क्योंकि जो विरक्त है वह ही संत है और जो संत है वही परित्याग है और जो परि त्याग है वही साधना है कहने का मतलब इतना है अगर मनुष्य ने अपने मन को थोड़ा निर्मल कर लिया हो और उसमें कुछ क्षण का राम भजन कर लिया हो तो उसे किसी तपस्या की आवश्यकता नहीं किसी त्याग की आवश्यकता नहीं क्योंकि निर्मल मन मेरे राम बसे आन राम की महिमा का यही विधान जो है राम का उसके राम और जिसके मन मंदिर में राम का वास हो गया हो उसे कहीं भगवान श्री राम को ढूंढने की आवश्यकता नहीं

क्योंकि राम तो हर समय उसके हृदय में बैठे हुए हैं इस अवसर पर बोलते हुए महंत धनेश्वर दास महाराज ने कहा अगर मनुष्य जीवन में संतों की संगत करने का सौभाग्य प्राप्त हो जाये तो यह मानव जीवन सफल हो जाता है जब-जब इस पावन धरती पर भगवान अवतरित हुए हैं तब तब उन्हें भी सतगुरु के सानिध्य और मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ी है और हमारे सतगुरु देव श्री महंत रामसेवक दास जी महाराज ऐसे ही ज्ञान मूर्ति संत थे जिन्होंने भक्तों को उध्दार का मार्ग दिखाने का पावन कार्य किया कहने का मतलब यह है कि अगर मनुष्य को अंतिम समय में भी शुद्ध आ जाये और भगवान राम का नाम उसकी जिह्वा पर आ जाये तो उसे स्वर्ग लोक के दरवाजे रात में भी खुले मिलते हैं जैसे राक्षसी पूतना को अंतिम समय में राम नाम का वर्ण हुआ जैसे पुतना को अपने जीवन के अंतिम क्षणों में कृष्ण नाम लेने का अवसर मिला और ईश्वर के हाथ से मुक्ति पाने का सौभाग्य मिला राक्षसी प्रवृत्ति होने के बाद भी वैकुण्ठ से उन्हें विमान लेने आया तो कहने का मतलब यह है राम से बड़ा राम का नाम है जिसके उच्चारण मात्र से मनुष्य मोह माया से मुक्त होकर राम नाम की आभा में डूब जाता है और वह भवसागर पार हो जाता है इस अवसर पर बोलते हुए श्री श्री महंत दुर्गादास महाराज ने कहा आपके द्वारा एक मुट्ठी दिया गया अन्नदान सौ मुट्ठी बनकर आपकी उन्नति के रूप में ईश्वर आपको प्रदान करते हैं इसी प्रकार कुछ पल किया गया राम भजन आपके जीवन के सभी संताप समाप्त कर देता है और आपके भाग्य का उदय कर देता है इस अवसर पर बोलते हुए महंत प्रहलाद दास महाराज ने कहा इस कलयुग में युगों तक तपस्या की आवश्यकता नहीं अगर आपने अपना मन एकांतवास कर कुछ पल राम भजन कर लिया तो वही आपके जीवन को सार्थकता प्रदान करता है आपके भाग्य का काया पलट कर देता है आपके मन मंदिर में भक्ति का उदय कर देता है जितना पावन राम का नाम है उतनी ही पावन उसकी महिमा है इस अवसर पर महंत बिहारी शरण महाराज स्वामी अंकित शरण महाराज महंत कन्हैया दास महाराज महंत मस्त गिरी महाराज प्रभु दास महाराज श्री पप्पू जी लकी रजत पाल गौरव पाल राहुल अनिल पाल श्री नरेंद्र पाल कोतवाल कमल मुनि महाराज कोतवाल धर्मदास महाराज सहित भारी संख्या में संत महापुरुष तथा भक्तजन उपस्थित थे इस अवसर पर आयोजित विशाल भंडारे में सभी ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया इस अवसर पर आश्रम में सुंदरकांड पाठ हवन आरती का भी आयोजन किया गया