श्री श्याम वैकुण्ठ धाम के द्वितीय अधिवेशन के अवसर पर संत महापुरुषों के श्री मुख से बही ज्ञान की सरिता

कमल शर्मा

हरिद्वार 5 मई 2025 को श्यामपुर स्थित श्री श्याम वैकुंण्ठ के द्वितीय वार्षिक अधिवेशन के अवसर पर एक विशाल संत समागम आश्रम के परमाध्यक्ष परम पूज्य श्री महंत श्यामसुंदर दास जी महाराज के पावन सानिध्य में संत महापुरुषों की गरिमा मय उपस्थित के बीच संपन्न हुआ इस अवसर पर बोलते हुए आश्रम के श्री महंत श्यामसुंदर दास महाराज ने कहा इस पृथ्वी लोक पर दो प्रकार की गंगा है एक तो माँ भागीरथी है जिनमें स्नान करने मात्र से मनुष्य के जन्मो जन्म के पापों से मुक्ति हो जाती है और तन मन दोनों पावन हो जाते हैं दूसरी गंगा संत महापुरुषों के श्री मुख से ज्ञान के रूप में बहती है जिनकी ज्ञान रूपी सरिता में स्नान करने मात्र से मनुष्य धन्य हो जाता है l

उसके जन्मो जन्म के पुण्यों का उदय हो जाता है संतो के दर्शन किसी तीर्थ से काम नहीं होते संत रूपी तीर्थ के दर्शन आपको कभी भी कहीं भी हो सकते हैं किंतु तीर्थ के दर्शन करने के लियें आपको स्वयं चलकर जाना पड़ता है इस पावन धरती हरिद्वार के श्यामपुर क्षेत्र में जब से श्री श्याम वैकुंठ धाम की स्थापना हुई है तब से श्यामपुर कांगड़ी क्षेत्र उन्नति की और अग्रसर हो रहा है दिन प्रतिदिन विकास के नये आयाम स्थापित हो रहे हैं भगवान श्री हरि की क्षेत्र पर विशेष कृपा दृष्टि बनी हुई है यह सब क्षेत्रवासियों की ईश्वर के प्रति आस्था का परिणाम है कि उनके विकास को ईश्वर की कृपा से दिन प्रतिदिन पंख लग गये हैं इस अवसर पर श्री नैमिसरण्य तीर्थ हनुमानगढ़ के श्री महंत बजरंगदास महाराज ने कहा सनातन धर्म सारस्वत है और जो सत्य के मार्ग पर चलते हैं उन पर भगवान हरि की कृपा सदैव बनी रहती है l

संतो के दर्शन हमारे जन्मों जन्म के पुण्य का उदय कर देते हैं और संत महापुरुषों का ज्ञान हमारे जीवन का उद्धार कर देता है इस अवसर पर बोलते हुए अनंत विभूषित 1008 महामंडलेश्वर राजेश्वर दास महाराज ने कहा मां भागीरथी के पावन तट पर संतो के श्री मुख से बहने वाली ज्ञान की गंगा श्रोताओं का उद्धार कर रही है ईश्वर में आस्था और गुरु का बताया मार्ग मनुष्य का लोक एवं परलोक दोनों सुधार देते हैं जो भक्त गुरु के बताये मार्ग पर चलते हैं गुरुजनों की कृपा से उसके मन मस्तिष्क का विकास हो जाता है उसके ज्ञान चक्षु खुल जाते हैं और उसके भाग्य का उदय हो जाता है हमारे धर्म ग्रंथ हमें हमारे कल्याण और मुक्ति दोनों की युक्ति बताते हैं। इस अवसर पर एक विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया l महंत सतीश गिरी महाराज महंत कमलेशानंद सरस्वती मेहंदीपुर बालाजी के पुजारी लक्ष्मण दास महाराज कलाकार मदना पागल महंत संजय शर्मा महंत शेखर अग्निहोत्री श्री सुरेश दीक्षित राकेश संजय शर्मा मोहित वालिया महेंद्र चौहान प्रदीप सिंघल मोहित बलिया आशीष मिश्रा राकेश वालिया रॉबिन गुप्ता गोपाल गर्ग डॉ विजय मिश्रा अशोक त्यागी अरविंद कुमार अजय गोयल सहित भारी संख्या में संत व भक्त उपस्थित थे

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