सेवा में
माननीय मुख्यमंत्री
उत्तराखंड सरकार
देहरादून
विषय: उत्तराखंड के चारों धाम में गैर हिंदू, को प्रवेश न देने के लिए अनुरोध
प्रिय धामी जी
नमों नारायण
उत्तराखंड इस समय भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में आस्था के एक केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है. यहां के चारों धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री में लाखों की संख्या में लोग देश-विदेश से दर्शन करने आते हैं. सुरक्षा के नाम मात्र के पुख्ता बंदोबस्त के बीच एक सनातनी हिंदू होने के नाते मेरा आपसे आग्रह है कि इन चारों धामों में कोई अनहोनी ना घटे, इससे पहले ही गैर हिंदुओं का प्रवेश बंद किया जाए. महोदय
आप धार्मिक स्थल के ऐसे तेजस्वीमान मुख्यमंत्री हैं, जिन पर हिंदू समाज को गर्व है, ऐसे में अगर इन चारों धामों में गैर हिंदू और मुसलमान अपने साथ कुत्ते और घोड़े के साथ कोई आतंकवादी वारदातों को अंजाम दे दे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं है. इससे आपकी सरकार की जहां वैश्विक स्तर पर फजीहत और बेज्जती होगी वहीं हिंदू समाज के प्रति एक कलंक का बीज पैदा होगा. मेरा आपसे आग्रह है कि जिस तरह मुसलमान के मस्जिद और मक्का मदीना में हिंदुओं को नियमानुसार जाने की इजाजत है उसी प्रकार आप इन चारों धामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में गैर हिंदुओं का प्रवेश बंद कर एक साफ़ निर्देश जारी करें कि अगर कोई दूसरे धर्म के लोगों को वहां जाने में आस्था है तो वे एक सत्यापन (एफ़ीडेविट) देकर जा सकते हैं.
माननीय मुख्यमंत्री जी
इस समय इन चार धामों में कोई हिंदू, मठ या महंथ का सीधे तौर पर समिति में निर्णयात्मक भूमिका नहीं है, ऐसे में सरकार के मुखिया होने के नाते आप इसके प्रमुख हैं और यह निर्देश सरकार से जारी किया जाए कि इन चारों धामों में कोई हिंदू ही प्रसाद या अन्य प्रकार की दुकाने खोल सकते हैं. मेरा मानना है कि इससे गैर हिंदू के भी दिल पर कोई चोट नहीं पहुंचना चाहिए क्योंकि धर्मस्थलों पर कोई गैर हिंदू गोभक्षक या मांस मदिरा खाकर नमाज पढ़ने जैसे कृत्य कर यहां की पवित्रता को खत्म नहीं करें. आपकी जानकारी के लिए मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने तमिलनाडु सरकार को साफ तौर पर हिंदू धर्म की रक्षा के लिए धारा 25 और 26 के तहत निर्देश दे चुका है कि हिंदू मंदिरों के बाहर बोर्ड लगे की यहाँ ग़ैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है , तिरुपति बाला जी में आज भी ग़ैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है यदि कोई ग़ैर हिन्दू बाला जी में आस्था रखता है तो उसे सपथ पत्र देना पड़ता है की वह हिंदू धर्म में आस्था रखता है , यही नियम जगन्नाथ मंदिर पुरी, कपालेश्वर मंदिर चेन्नई, कामाक्षी मंदिर कांचीपुरम, गुरुयायुर मंदिर त्रिशूर, पदमनाभस्वामी मंदिर केरल और लिंगराज मंदिर भुवनेश्वर में इस तरह के गैर हिंदुओं पर पूरी तरह पाबंदी और प्रवेश की अनुमति नहीं है. इसलिए मेरा आपसे आग्रह है कि आप स्वयं इस पीड़ा को समस्त हिंदू की तरफ से समझते हुए ऐसी व्यवस्था करें . हम तो एक सनातनी धर्म के प्रचारक की हैसियत से हिंदुओं की आवाज बुलंद करने के लिए कालीसेना की स्थापना किए हैं ।
नारायण स्मरण सहित
आपका
स्वामी आनंद स्वरूप
संस्थापक
काली सेना
धामी जी से उत्तराखंड के चारों धाम में गैर हिंदू, को प्रवेश न देने के लिए किया अनुरोध: संस्थापक काली सेना स्वामी आनंद स्वरूप
