कमल शर्मा
*वी केयर डायग्नोस्टिक एवं कमलेश मेमोरियल हॉस्पिटल, कनखल में लगा चिकित्सा शिविर एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति द्वारा, व अन्य पद्धतियों से इलाज करने पर मिला मरीजों को तत्काल प्रत्यक्ष आराम*
हरिद्वार 9 अप्रैल 2025 स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया ।
इस मेले में डॉ सुभाषा चंद एवं उनकी टीम, जो कि रुड़की से आई है , ने एक्यूप्रेशर सुजोक थेरेपी से मरीजों का परीक्षण एवं उपचार किया। डॉ सुभाष ने बताया कि सुजोक थेरेपी से बहुत से असाध्य रोगों के उपचार में मदद मिलती है और वो भी किसी दुष्प्रभाव के बिना । डॉ सुभाष ने बताया कि वो अब तक हीमोफिलिया, जी. बी. सिंड्रोम जैसी असाध्य बीमारियों का इलाज कर चुके हैं। इस शिविर में डॉ सुभाष ने 55 मरीजों का उपचार किया ।
इस अवसर पर पूर्व चिकित्साधिकारी, मेला एवं जिला अस्पताल, डॉ के के करौली ने भी मौजूद रह कर मरीजों का परीक्षण किया। डॉ करौली ने कहा कि ऐसे स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन होता रहना चाहिए जिससे कि समाज के हर वर्ग को चिकित्सा जैसे मौलिक अधिकार से वंचित नहीं रहना पड़े। किसी को रोग मुक्त करने से बड़ी कोई सेवा नहीं नर सेवा में ही नारायण सेवा का भाव रखना चाहिये किसी पीड़ित व्यक्ति को अगर समय रहते सुलभ चिकित्सा मिल जाये तो उसके हृदय से निकलने वाला आशीष अति फलदायी होता है चिकित्सा की अनेकों पद्धतियों द्वारा किसी भी असाध्य से असाध्य रोग का इलाज संभव हैl

इस शिविर में चौखंभा एनजीओ ग्रुप एवं उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण हरिद्वार ने भी प्रतिभाग किया। इनकी तरफ से डिंपी, अशोक, राजपाल, अक्षय , मिथुन, कोमल , मोहन सैनी, अनीता यादव एवं सुमन धीमान मौजूद रहे।
इस शिविर में वी केयर सेंटर मैनेजर भावना शर्मा , योगेश, मुकुल सैनी, उपासना सिंह, रश्मि भटनागर, लवकुश आदि ने प्रतिभाग कर के हेल्थ मेले को सफल बनाया।
शिविर में कुल मरीजों की संख्या 105 रही। इस अवसर पर डॉक्टर जेपी चाहर डॉ केके करौली डॉ चंदन डॉक्टर आरके अग्रवाल डॉक्टर सुभाष डिंपी चौधरी अशोक कुमार राजपाल अक्षय कुमार मिथुन कोमल मोहन सैनी चंद्रशेखर अशोक कुमार अनीता यादव सुमन धीमान सहित आने को लोग चिकित्सा शिविर में लोगों की सेवा में श्रद्धा भाव के साथ लगे हुए थे एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति के बारे में बोलते हुए डॉ राधाकृष्णन अग्रवाल जी ने बताया कि यह एक ऐसी पद्धति है जिसके माध्यम से शरीर के कोई भी रोग बिना किसी दवाई के केवल एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति के माध्यम से दूर किया जा सकता है (रिपोर्ट- प्रधान संपादक कमल शर्मा)