💥माँ यमुना जन्मोत्सव व महाआरती
✨यमुना छठ के अवसर पर परमार्थ निकेतन के आचार्यों एवं ऋषिकुमारों द्वारा दिल्ली में भव्य यमुना आरती
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नई दिल्ली, 3 अप्रैल। यमुना जी के प्राकट्य दिवस, यमुना छठ के शुभ अवसर पर परमार्थ निकेतन के आचार्यों, ऋषिकुमारों एवं सैकड़ों श्रद्धालुओं द्वारा वजीराबाद, दिल्ली में दिव्य एवं भव्य यमुना जी की आरती की। इस पावन अवसर पर देशभर से आए संतों, पर्यावरणविदों एवं समाजसेवियों ने यमुना नदी की स्वच्छता एवं संरक्षण का संकल्प लिया।
इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री दिल्ली, श्रीमती रेखा गुप्ता जी, अन्य विशिष्ट अतिथियों ने यमुना आरती में भाग लिया और यमुना संरक्षण का संदेश दिया।

यमुना जी आध्यात्मिक व पर्यावरणीय जागरूकता का दिव्य प्रतीक है। परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों द्वारा यह विशेष यमुना आरती दिल्ली के यमुना घाट पर संपन्न हुई, भक्तगणों ने दीप प्रज्वलित कर मां यमुना जी की महिमा का गुणगान किया।
इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने वर्चुवल रूप से जुड़कर इस दिव्य आरती के आयोजन हेतु सभी को शुभकामनायें देते हुये संदेश दिया कि यमुना केवल एक नदी नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, आस्था और जीवनदायिनी शक्ति का प्रतीक है। आज यह नदी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। हम सभी को संकल्प लेना होगा कि इसे प्रदूषण मुक्त बनाएं। यह केवल सरकार की नहीं, बल्कि हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। हमें याद रखना होगा कि नदियाँ हैं तो दुनिया है।

स्वामी जी ने कहा कि यमुना जी का संरक्षण हमारी भावी पीढ़ियों के लिए आवश्यक है। यदि हम अभी सचेत नहीं हुए तो आने वाली पीढ़ियाँ हमें माफ नहीं करेंगी। उन्होंने समाज के सभी वर्गों का आह्वान करते हुये कहा कि वे जल संरक्षण और स्वच्छता को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाये।
नदियों की रक्षा करना हमारी आध्यात्मिक और नैतिक जिम्मेदारी है। यदि हम अपने जल स्रोतों को स्वच्छ और सुरक्षित नहीं रखेंगे, तो मानवता का अस्तित्व संकट में पड़ सकता है। हमारी भावी पीढ़ियों के संरक्षण के लिये हमें मिलकर कदम बढ़ाने होंगे।

माननीय मुख्यमंत्री दिल्ली, श्रीमती रेखा गुप्ता जी ने कहा कि यमुना जी हमारी जीवनरेखा है। हमें इसके संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ानी होगी और ठोस कदम उठाने होंगे। दिल्ली सरकार यमुना की सफाई और पुनर्जीवन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी नागरिकों को इस पवित्र कार्य में सहयोग देने हेतु प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से यमुना में गिरने वाले प्रदूषकों को नियंत्रित करने के लिए कार्यरत है। दिल्ली सरकार ने कई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और जल पुनर्चक्रण योजनाओं को लागू किया है ताकि नदी को पुनः स्वच्छ और निर्मल बनाया जा सके।

हमारी नदियाँ केवल जल स्रोत नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपरा की वाहक हैं। यमुना की पवित्रता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। स्वच्छ भारत अभियान की तरह ही हमें स्वच्छ यमुना अभियान को भी सफल बनाना होगा।
उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुये कहा कि वे इस अभियान से जुड़ें और समाज को स्वच्छता के प्रति प्रेरित करें। साथ ही, उन्होंने सरकार द्वारा चलाए जा रहे नमामि गंगे और यमुना एक्शन प्लान जैसी परियोजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि ये प्रयास तभी सफल होंगे जब प्रत्येक नागरिक अपनी भूमिका निभाएगा।
परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों एवं श्रद्धालुओं ने यमुना आरती के दौरान जल संरक्षण का संकल्प लिया।
यमुना जी की आरती के दौरान आचार्य दिलीप जी ने यमुना मईया की जय और हरे कृष्ण हरे राम आदि भजनों से पूरा वातावरण भक्तिमय बना दिया।
आचार्य दीपक शर्मा जी ने परमार्थ निकेतन की ओर से यमुना जी की आरती में प्रतिनिधित्व किया तथा आचार्य संदीप शास्त्री जी के निर्देशन में ऋषिकुमारों ने यमुना जी की आरती की। इस अवसर पर अनेक गणमाण्य अतिथि उपस्थित रहे।