हरिद्वार खड़खड़ी स्थित श्री गंगा भक्ति आश्रम में अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए आश्रम के श्री महंत 1008 परम पूज्य स्वामी कमलेशानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा हमारे पावन धर्म ग्रंथ श्री राम चरित्र मानस कथा श्री रामायण जी तथा श्रीमद् भागवत कथा तथा अन्य पावन धर्म मार्ग की ओर ले जाने वाले धर्म संग्रह कथाएं तथा ग्रंथ हमें धर्म मार्ग से ईश्वर प्राप्ति की ओर ले जाते हैं पावन ग्रंथो के अध्ययन से मनुष्य का का जीवन धन्य हो जाता है उसकी अंतरात्मा पावन हो जाती है और उसके अंदर ईश्वर प्राप्ति की ललक जाग जाती है इसलिए हे भक्तजनों इस कलयुग में सूक्ष्म भक्ति भी मनुष्य को ईश्वर से मिला सकती है मगर आवश्यकता है सच्चे भाव की सच्ची आस्था की और सच्ची लगन की कहने का तात्पर्य यह है कि अगर भगवान को प्राप्त करना चाहते हो तो पहले इस तन मन को भक्ति मय करो आपकी अंतरात्मा की डोर खुद भगवान की डोर से जुड़ जाएगी आपको भगवान को ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ेगी कदम कदम पर आपको ईश्वर के दर्शन होंगे हमारे धर्म ग्रंथ हमें धर्म मार्ग से ईश्वर को प्राप्त करने का बोध कराते हैं उनके अध्ययन मात्र से और सुनने मात्र से मनुष्य का जीवन धन्य हो जाता है श्री गंगा भक्ति आश्रम में 14 जून 2024 से श्री राम चरित्र मानस कथा के रूप में साक्षात ज्ञान की गंगा बहने वाली है