हरिद्वार कनखल स्थित पंचायती श्री बड़ा उदासीन अखाड़ा कनखल में आयोजित भंडारे के अवसर पर बोलते हुए श्री महंत रघु मुनि जी महाराज ने कहा भारतीय धर्म संस्कृति और सनातन परंपरा विश्व की सबसे मजबूत परंपरा है जो सभी को आध्यात्मि से सीधे ईश्वर की ओर ले जाती है भक्तों को भजन कीर्तन धर्म कर्म और संस्कृति संस्कारों के माध्यम से गुरु ही ईश्वर से जोड़ते हैं सचिव महंत श्री गोविंद दास जी महाराज ने कहा वे लोग बड़े ही भाग्यशाली होते हैं जिन्हें संत महापुरुषों की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त होता है गुरु मिलते हैं ईश्वर से गुरु ही देते ज्ञान भवसागर की नैया के गुरु ही तारणहार इस पृथ्वी लोक पर गुरुजन ही ईश्वर के प्रतिनिधि हैं जो भक्तों को धर्म कर्म ज्ञान के माध्यम से ईश्वर से जोड़ते हुए कल्याण की ओर ले जाते इस अवसर पर बोलते हुए कोठारी महंत श्री राघवेंद्र दास जी महाराज ने कहा हरिद्वार की पावन धरा पर बने मठ मंदिर आश्रम अखाड़े संपूर्ण विश्व का धर्म के क्षेत्र में मार्गदर्शन करते हुए उन्हें सनातन का पाठ पढ़ाते हैं हमारी भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा इतनी प्रबल है कि उसे अपनाने के लिए विदेशी लोग भी आतुर है इस संसार में गुरुजन ही भक्तों के सच्चे मार्गदर्शक है गुरु के बिना ज्ञान नहीं गुरु के बिना गति नहीं और गुरु के बिना कल्याण इस अवसर पर परम पूज्य श्री महंत रघु मुनि जी महाराज महामंडलेश्वर श्री संतोषानंद जी रवि देव जी महाराज दिनेश दास महाराज महाराज महंत सूरज दास महाराज महंत विनोद महाराज महंत स्वामी श्याम प्रकाश महाराज महंत स्वामी देवानंद महाराज महंत गुरमीत सिंह स्वामी कपिल मुनि महाराज महाराज श्याम गिरी जी महाराज सरवन दास जी महाराज रमेशानंद देहरादून बाबा
भारतीय धर्म संस्कृति और सनातन परंपरा विश्व की सबसे मजबूत परंपरा है
