हरिद्वार भूपतवाला स्थित जगदीश स्वरूप आश्रम में रसमई संकीर्तन धार्मिक अनुष्ठान तथा विशाल भंडारे के साथ कार्यक्रम का समापन संत महापुरुषों की गरिमा मय उपस्थित के बीच बड़े ही धूमधाम हर्ष उल्लास के साथ हुआ इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आश्रम के श्री महंत स्वामी अमृतानन्द जी महाराज ने कहा जगतगुरु आचार्य श्री गरीब दास जी महाराज एवं ब्रह्मम सागर जी भूरी वाले तथा महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश्वरानन्द जी महाराज महामंडलेश्वर स्वामी स्वरूपानंद नयायिक जी महाराज एवं कुबेर भंडारी श्री ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर 1008 श्री विद्यानन्द जी महाराज की पावन पुण्य स्मृति में यह कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष संत महापुरुषों की गरिमा मय उपस्थित के बीच आयोजित किया जाता है
इस संसार में गुरु ही भवसागर की नैया के तारणहार हैं तथा भक्तों के सच्चे मार्गदर्शक हैं वे धर्म कर्म के माध्यम से भक्तों को सत्य की राह दिखाकर उंगली पड़कर भवसागर पार कर देते हैं इस अवसर पर बोलते हुए स्वामी अमृतानन्द जी महाराज ने कहा परम पूज्य गुरुदेव ज्ञान एवं त्याग के एक अखंड सूर्य हैं उनके ज्ञान का प्रताप संपूर्ण विश्व में व्याप्त है गुरु मिलाते हैं ईश्वर से गुरु ही देते ज्ञान भव सागर की नैया के गुरु ही तारणहार इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी परमात्म देव जी महाराज महंत रवि देव वेदांताचार्य महंत दिनेश दास महाराज महामंडलेश्वर ललितानन्द महाराज महंत सूरज दास महाराज महामंडलेश्वर दुर्गादास महाराज महंत प्रेमानंद महाराज महंत कमलेशानंद सरस्वती महाराज महंत प्रहलाद दास महाराज श्री शेषनारायण जी महंत शांति प्रकाश महाराज महंत शुभम गिरी सहित भारी संख्या में संत महापुरुष उपस्थित थे तथा हजारों की संख्या में भक्तजन कार्यक्रम में भाग लेकर धर्म का लाभ उठा रहे हैं इस अवसर पर निकुंज कामरा एवं आरुषि गंभीर ने अपनी मधुर वाणी से भक्तों को भजन कीर्तन सुनकर मंद मुग्ध कर दिया इस अवसर पर श्री दीपक बंसल सोनी श्री शशिकांत चोपड़ा श्री विनोद कुमार सिंघल श्री अशोक कुमार गर्ग श्री हंस हरीश धरनी श्री जुगराज सिंगल श्री मुकेश कुमार मास्टर कांति स्वरुप शर्मा सहित अनेको कार्यकारणी सदस्यों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की कार्यक्रम में महंत शुक्र गिरी महाराज श्री श्रवण दास महाराज श्याम गिरी महाराज कोतवाल रामदास महाराज कोतवाल रामेश्वर महाराज कोतवाल रमेशानंद महाराज निमंत्रण पत्र वितरण करता श्री कोतवाल कालीचरण महाराज सहित भारी संख्या में अन्य संत महापुरुष भी उपस्थित थे
