हरिद्वार 7 जुलाई 2024 को सुदर्शन आश्रम अखाड़े में भक्तों के बीच ज्ञान की वर्षा करते हुए आश्रम के श्री महंत रघुबीर दास जी महाराज ने कहा भगवान और भक्त के बीच की धूरी तथा भगवान से मिलने का माध्यम सिर्फ भक्ति है सत्संग है भजन के माध्यम से भगवान से मिला जा सकता है आज तक जिन भक्तों ने भी भगवान को प्राप्त किया है उनकी एकाग्र भक्ति और सत्संग का तपोबल उनके आराध्य के मिलन का और कल्याण का माध्यम बना जब तक आप भगवान श्री हरि भगवान श्री कृष्णा भगवान श्री राम की भक्ति में झूमने ना लगे आपका रूम रूम भजन और भक्ति में डूबा ना हो आपके मन में ना कुछ पाने की लालसा हो और ना कुछ खो देने का भय हो मन पूर्ण रूप से वैराग्य से परिपूर्ण ना हो तब तक आपका मन एकाग्र नहीं हो सकता और हरि को प्राप्त नहीं कर सकते हरि में ध्यान लगाना है तो बस भक्ति रस में डूब जाओ तो कदम कदम पर आपको भगवान के दर्शन होंगे श्री रामायण कथा श्रीमद् भागवत कथा श्री रामचरित्र मानस शिव पुराण जैसी पवन कथाएं हमें सत्य की राह दिखाने में हमारा मार्गदर्शन करती है इनका अध्ययन करने से और उनकी कथा का श्रवण करने से हमें पावन पुनीत फलों की प्राप्ति होती है
भक्ति ही भक्त और भगवान के बीच का सेतु धार्मिक ग्रंथ हमें सत्य का मार्ग प्रदान करते हैं श्री महंत रघुबीर दास महाराज
