ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारतीय सेना की ओर से जो प्रेस ब्रीफ‍िंग दी गई, उसमें दो महिला अधिकारी भी शामिल(Tap कर जाने) कौन

नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्‍तान के 9 आतंकी ठिकानों पर हमले किए। भारत की ओर से पाकिस्‍तान पर एयर स्‍ट्राइक किया गया, जिसमें कई आतंकियों के मारे जाने की खबरें हैं। भारत की इस कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया है। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारतीय सेना की ओर से जो प्रेस ब्रीफ‍िंग दी गई, उसमें दो महिला अधिकारी भी शामिल हैं। इसमें एक का नाम सोफ‍िया कुरैशी है, तो दूसरे का नाम व्योमिका सिंह ।

आखिर कौन है सोफिया कुरैशी ?
सोफिया कुरैशी मूल रूप से गुजरात की रहने वाली हैं। उनका जन्म 1981 में वडोदरा, गुजरात में हुआ. उन्होंने बायोकेमिस्ट्री में पोस्‍ट ग्रेजुएशन किया है। कई रिपोर्टस में बताया गया कि सोफ‍िया के दादा भी सेना में थे और उनके पिता ने भी कुछ वर्षों तक सेना में धार्मिक शिक्षक के रूप में सेवाएं दीं। एक अन्‍य रिपोर्ट में बताया गया है कि सोफ‍िया की शादी मैकेनाइज़्ड इन्फेंट्री के एक सेना अधिकारी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुआ है और उनका एक बेटा समीर कुरैशी है।
1999 में हुआ सेलेक्‍शन
भारतीय सेना में सोफिया की एंट्री 1999 में हुई। उन्‍होंने 1999 में चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद सोफ‍िया ने सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन प्राप्त किया। वर्ष 2006 में सोफ‍िया ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में सेवा दी। वह 2010 से शांति स्थापना अभियानों से जुड़ी रही हैं। पंजाब सीमा पर ऑपरेशन पराक्रम के दौरान उनकी सेवा के लिए उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (GOC-in-C)का प्रशंसा पत्र भी मिल चुका है। उत्तर-पूर्व भारत में बाढ़ राहत कार्यों के दौरान उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें सिग्नल ऑफिसर इन चीफ (SO-in-C) का प्रशंसा पत्र भी मिला था। उन्हें फोर्स कमांडर की सराहना भी मिली।
2016 में भी आई थीं सुर्खियों में
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी उस समय भी सुर्खियों में आईं थीं। जब उन्‍होंने एक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय दल की अगुवाई की थी। तब वह ऐसा करने वाली भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी बन गई थीं। इस अभ्यास का नाम ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’दिया गया था,जो भारत की ओर से आयोजित उस समय का सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास था। लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी इस अभ्‍यास में भाग लेने वाले 18 दलों में एकमात्र महिला अधिकारी थीं। भारतीय दल में कुल 40 सदस्य थे. उस समय वह भारतीय सेना की सिग्नल कोर की अधिकारी थीं।

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